भीष्म साहनी: Difference between revisions
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Revision as of 10:27, 4 March 2011
भीष्म साहनी जन्म 8 अगस्त, 1985 ई. को रावलपिण्डी, भारत में हुआ था। इनको हिन्दी साहित्य में प्रेमचंद की परंपरा का अग्रणी लेखक माना जाता है। यह आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रमुख स्तंभों में से थे।
शिक्षा
इनकी प्रारम्भिक शिक्षा घर पर ही हिन्दी व संस्कृत में हुई। स्कूल में उर्दू व अंग्रेज़ी की शिक्षा प्राप्त करने के बाद गवर्नमेंट कॉलेज लाहौर से अंग्रेज़ी साहित्य में पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त की। वर्तमान समय में प्रगतिशील कथाकारों में साहनी जी का प्रमुख स्थान है।
कार्य
साहनी जी ने बँटवारे से पूर्व व्यापार किया और इसके साथ वे अध्यापन का भी काम करते रहे। तदनन्तर इन्होंने पत्रकारिता एवं इप्टा नामक मण्डली में अभिनय का कार्य किया। साहनी जी फ़िल्म जगत में भाग्य आजमाने के लिए बम्बई गये, जहाँ काम न मिलने के कारण इनको बेकारी का जीवन व्यतीत करना पड़ा। इन्होंने वापस आकर पुन: अम्बाला के एक कॉलेज में अध्यापन (खालसा कॉलेज अमृतसर में) के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में स्थायी रूप से कार्य किया। इस बीच इन्होंने लगभग सात वर्ष विदेशी भाषा प्रकाशन गृह मास्को में आनुवादक के रूप में बिताये। साहनी जी ने क़रीब ढाई वर्ष 'नई कहानियाँ' का सम्पादन किया। साथ ही इनके प्रगतिशील लेखक संघ तथा अफ़्रो एशियाई लेखक संघ से सम्बद्ध रहे।
कृतियाँ
साहनी जी की मुख्य कृतियाँ हैं-
- कहानी संग्रह
- भाग्य रेखा
- पहला पाठ
- भटकती राख
- पटरियाँ
- 'वाड यू' शोभायात्रा
- निशाचर
- उपन्यास
- झरोखे
- कड़ियाँ
- तमस
- बसन्ती
- नाटक
- हानुस
- कबिरा खड़ा बाज़ार में
- माधवी
- गुलेल का खेल (बालोपयोगी कहानियाँ)।
पुरस्कार
भीष्म साहनी जी को 'तमस' नामक कृति पर साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार और पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
मृत्यु
प्रेमचंद की परंपरा को आगे बढ़ाने वाले इस लेखक का निधन 11 जुलाई, 2003 को दिल्ली में हुआ।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
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