ई. एम. एस. नमबूद्रिपद: Difference between revisions

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{{सूचना बक्सा राजनीतिज्ञ
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==कांग्रेस कमेटी के सचिव==
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Revision as of 08:34, 3 September 2013

ई. एम. एस. नमबूद्रिपद
पूरा नाम इलमकुलम मनक्कल सनकरन नमबूद्रिपद
जन्म 14 जुलाई, 1909
जन्म भूमि पालघाट ज़िला, केरल
मृत्यु 19 मार्च, 1998
मृत्यु स्थान तिरुवनंतपुरम, केरल
पति/पत्नी आर्या अंतरजनम
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि राजनीतिज्ञ
पद भूतपूर्व मुख्यमंत्री, केरल
कार्य काल 5 अप्रैल, 1957 से 31 जुलाई, 1959 तक; 6 मार्च, 1967 से 1 नवम्बर, 1969 तक।
भाषा हिन्दी, अंग्रेज़ी, मलयालम
जेल यात्रा 1932 में 'सविनय अवज्ञा आन्दोलन' के दौरान
अन्य जानकारी 1937 में ई. एम. एस. नमबूद्रिपद कांग्रेस के टिकट पर मद्रास विधान परिषद में चुने गये। वे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव भी बनाये गये थे।

इलमकुलम मनक्कल सनकरन नमबूद्रिपद (अंग्रेज़ी: E. M. S. Namboodiripad; जन्म- 14 जुलाई, 1909, पालघाट ज़िला, केरल; मृत्यु- 19 मार्च, 1998, तिरुवनंतपुरम, केरल) भारत के प्रसिद्ध कम्युनिस्ट नेताओं में से एक थे। केरल का प्रथम मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य इन्हें मिला था। ई. एम. एस. नमबूद्रिपद एक समाजवादी मार्क्सवादी विचारक, क्रांतिकारी, लेखक, इतिहासकार और सामाजिक टीकाकार के रूप में भी प्रसिद्ध थे। वे भारत में पहली गैर 'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस' के मुख्यमंत्री के रूप में पहली लोकतांत्रिक ढंग से निर्वाचित कम्युनिस्ट सरकार के नेता बने थे।

जन्म तथा शिक्षा

ई. एम. एस. नमबूद्रिपद का जन्म 14 जुलाई, 1909 में केरल के पालघाट ज़िले में एक प्रतिष्ठित ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम परमेश्वरन नमबूद्रिपद था। इनके बचपन में ही पिता का निधन हो गया था। इनका पालन-पोषण इनकी माता ने किया। माँ ने इन्हें ऋग्वेद पढ़ाने का निश्चय किया। कई वर्षों तक नमबूद्रिपद संस्कृत का अध्ययन करते रहे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पलघाट और त्रिचुर से प्राप्त की।[1] इनका विवाह आर्या अंतरजनम से हुआ था।

कांग्रेस कमेटी के सचिव

जिस समय नमबूद्रिपद बी. ए. में थे, तब वे 1932 में 'सविनय अवज्ञा आन्दोलन' से जुड़ गए। उन्हें गिरफ्तार कर तीन वर्ष की सजा सुनाई गयी, किन्तु उन्हें 1933 में रिहा कर दिया गया। सन 1937 में ई. एम. एस. नमबूद्रिपद कांग्रेस के टिकट पर मद्रास विधान परिषद में चुने गये। वे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव भी बनाये गये थे। सन 1940 में नमबूद्रिपद भारत की कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य चयनित हुए। वे कुछ वर्षों तक पार्टी के पोलितब्यूरो के सदस्य रहे।

मुख्यमंत्री

1957 में ई. एम. एस. नमबूद्रिपद केरल असेम्बली के सदस्य चुने गये और प्रदेश के पहले कम्युनिस्ट मुख्यमंत्री बने। इस पद पर वह 5 अप्रैल, 1957 से 31 जुलाई, 1959 तक रहे। यह सरकार 1959 में बर्खास्त कर दी गई तो 1960 के मध्यावधि चुनाव के बाद वे विधान सभा में विरोधी दल के नेता बने। 1967 में उन्होंने संयुक्त मोर्चा के नेता के रूप में पुन: मुख्यमंत्री का पद सम्भाला[2] और 6 मार्च, 1967 से 1 नवम्बर, 1969 तक इस पद पर कार्य किया।

रचनाएँ

नमबूद्रीपद मलयालम और अंग्रेज़ी के प्रसिद्ध रचनाकार थे। अंग्रेज़ी में उनकी कुछ लोकप्रिय रचनाएँ निम्नलिखित है-

  1. द नेशनल क्योश्चशन इन केरला
  2. गांधी एण्ड हिन्दुज्म
  3. द विसेन्ट क्योश्चन इन केरला


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. केरल के क्रांतिकारी (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 03 सितम्बर, 2013।
  2. भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |पृष्ठ संख्या: 94 |

संबंधित लेख

  1. REDIRECTसाँचा:स्वतन्त्रता सेनानी

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