नंददुलारे वाजपेयी: Difference between revisions
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==कृतियाँ== | |||
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|+नंददुलारे वाजपेयी की मुख्य कृतियाँ | |||
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! क्र. सं. | |||
! कृति | |||
! क्र. सं. | |||
! कृति | |||
! क्र. सं. | |||
! कृति | |||
|- | |||
|1. | |||
|हिन्दी साहित्य बीसवीं शाताब्दी (1940, प्रथम कृति) | |||
|2. | |||
| जयशंकर प्रसाद (1940) | |||
|3. | |||
| प्रेमचन्द्र – एक साहित्यिक विवेचन | |||
|- | |||
|4. | |||
| आधुनिक – साहित्य (1950) | |||
|5. | |||
| नया साहित्य : नए प्रश्न (1955) | |||
|6. | |||
| महाकवि – सूरदास | |||
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|7. | |||
| कवि निराला (1965) | |||
|8. | |||
| नई कविता (1976) | |||
|9. | |||
| कवि सुमित्रानन्द पंत (1976) | |||
|- | |||
|10. | |||
| रस सिद्धान्त नए संदर्भ (1977) | |||
|11. | |||
| साहित्य का आधुनिक युग (1978) | |||
|12. | |||
| आधुनिक साहित्य सृजन और समीक्षा (1978) | |||
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|13. | |||
| रीति और शैली (1979) | |||
|14. | |||
| रचनावली (8 खण्डों में) | |||
|15. | |||
| भुलक्कड़ों का देश (व्यंग्य लेख) | |||
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|16. | |||
| हिन्दी साहित्य का संक्षिप्त इतिहास | |||
|17. | |||
| राष्ट्रीय साहित्य | |||
|18. | |||
| प्राश्चात्य सौदर्य शास्त्र का इतिहास | |||
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|19. | |||
| यादे बोल उठीं ([[संस्मरण]]) | |||
|20. | |||
| प्रकीर्णिका (1965) | |||
|21. | |||
| नया साहित्य : नए प्रश्न (1955) | |||
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==निधन== | |||
आचार्य नंददुलारे वाजपेयी जी का निधन [[11 अगस्त]], सन [[1967]] में हुआ। | |||
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नंददुलारे वाजपेयी (अंग्रेज़ी: Nand Dulare Bajpai , जन्म- 4 सितम्बर, 1906, उन्नांव, उत्तर प्रदेश; मृत्यु- 11 अगस्त, 1967[1]) हिन्दी के प्रसिद्ध पत्रकार, समीक्षक, साहित्यकार, आलोचक तथा सम्पादक थे। वे कुछ समय तक 'भारत' के संपादक रहे। नंददुलारे वाजपेयी ने 'काशी नागरी प्रचारिणी सभा' में 'सूरसागर' का तथा बाद में 'गीता प्रेस', गोरखपुर में 'रामचरितमानस' का संपादन किया। वे कुछ समय तक 'काशी हिन्दू विश्वविद्यालय' के हिन्दी विभाग में अध्यापक तथा कई वर्षों तक 'सागर विश्वविद्यालय' के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष भी रहे। मृत्यु के समय नंददुलारे वाजपेयी उज्जैन में 'विक्रम विश्वविद्यालय' के उपकुलपति थे।
जन्म तथा शिक्षा
आचार्य नंददुलारे वाजपेयी का जन्म 4 सितम्बर, सन 1906 में मगरायर ग्राम, ज़िला उन्नाव, उत्तर प्रदेश में हुआ था। काशी (वर्तमान बनारस) में हिन्दी से एम.ए. करते हुए आचार्य वाजपेयी ने अपने अध्ययन का क्षेत्र विस्तृत किया और यहीं वह प्रशस्त पीठिका निर्मित हुई, जिसे उनके लेखन की आधार भूमि कह सकते हैं। यहां एक महत्त्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि क्योंकि आचार्य जी की समीक्षा का निकट संबंध हिन्दी स्वच्छन्दतावादी (रूमानी) कविता-छायावाद से है और उन्हें प्रायः 'छायावादी' अथवा 'स्वच्छन्दतावादी' समीक्षक कहा जाता है।
शोध तथा संपादन कार्य
1929 में एम. ए. करने के उपरांत आचार्य नन्ददुलारे वाजपेयी ने शोधकार्य आरंभ किया। 'भारत' के संपादक के रूप में आचार्य वाजपेयी ने अपनी सतेज प्रतिभा और प्रतिबद्ध निर्भयता का परिचय दिया। 'सूरसागर' तथा 'रामचरितमानस' का संपादन करते हुए वाजपेयी जी ने मध्यकालीन भक्ति काव्य के साथ भारतीय इतिहास, दर्शन आदि का भी गहरा अध्ययन किया और इस प्रकार अपने चिंतन को जीवंत परंपरा से जोड़ा।[1]
कृतियाँ
क्र. सं. | कृति | क्र. सं. | कृति | क्र. सं. | कृति |
---|---|---|---|---|---|
1. | हिन्दी साहित्य बीसवीं शाताब्दी (1940, प्रथम कृति) | 2. | जयशंकर प्रसाद (1940) | 3. | प्रेमचन्द्र – एक साहित्यिक विवेचन |
4. | आधुनिक – साहित्य (1950) | 5. | नया साहित्य : नए प्रश्न (1955) | 6. | महाकवि – सूरदास |
7. | कवि निराला (1965) | 8. | नई कविता (1976) | 9. | कवि सुमित्रानन्द पंत (1976) |
10. | रस सिद्धान्त नए संदर्भ (1977) | 11. | साहित्य का आधुनिक युग (1978) | 12. | आधुनिक साहित्य सृजन और समीक्षा (1978) |
13. | रीति और शैली (1979) | 14. | रचनावली (8 खण्डों में) | 15. | भुलक्कड़ों का देश (व्यंग्य लेख) |
16. | हिन्दी साहित्य का संक्षिप्त इतिहास | 17. | राष्ट्रीय साहित्य | 18. | प्राश्चात्य सौदर्य शास्त्र का इतिहास |
19. | यादे बोल उठीं (संस्मरण) | 20. | प्रकीर्णिका (1965) | 21. | नया साहित्य : नए प्रश्न (1955) |
निधन
आचार्य नंददुलारे वाजपेयी जी का निधन 11 अगस्त, सन 1967 में हुआ।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 हिन्दी के गौरव (हिन्दी) हिन्दी भवन। अभिगमन तिथि: 29 मार्च, 2016।
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख
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