अन्ना साहब भोपटकर: Difference between revisions

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Latest revision as of 12:15, 6 January 2020

अन्ना साहब भोपटकर
पूरा नाम लक्ष्मण बलवंत भोपटकर
जन्म 1880
जन्म भूमि पुणे, महाराष्ट्र
मृत्यु 24 अप्रॅल, 1960
कर्म भूमि भारत
मुख्य रचनाएँ 'स्वराज्याची मीमांसा', 'हिंदू समाज दर्शन', 'ऐतिहासिक कथापंचक', 'कुस्ती', 'मृत्यूच्या मांडीवर' आदि।
भाषा मराठी
प्रसिद्धि लेखक और सार्वजनिक कार्यकर्ता
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी अन्ना साहब भोपटकर अंग्रेज़ों की शोषण नीति के वे कट्टर विरोधी थे। उन्होंने पुणे में ‘अनाथ हिंदू महिला आश्रम’ की स्थापना की थी।
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची

अन्ना साहब भोपटकर (अंग्रेज़ी: Anna Saheb Bhopatkar, जन्म- 1880, पुणे; मृत्यु- 24 अप्रॅल, 1960) प्रसिद्ध लेखक और सार्वजनिक कार्यकर्ता थे। सन 1923 में वे महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बनाये गए थे। अन्ना साहब समाज में व्याप्त अस्पृश्यता तथा बाल विवाह के विरोधी और विधवा विवाह के समर्थक थे। अंग्रेज़ों की शोषण नीति के वे कट्टर विरोधी थे। अन्ना साहब भोपटकर ने विभिन्न विषयों पर एक दर्जन से भी अधिक पुस्तकों की रचना की थी।

परिचय

प्रसिद्ध लेखक और सार्वजनिक कार्यकर्ता अन्ना साहब भोपटकर का जन्म 1880 ईसवी में पुणे में हुआ था। उनका पूरा नाम 'लक्ष्मण बलवंत भोपटकर' था। एम.ए. और कानून की शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने कुछ समय तक अध्यापन का काम किया और उसके बाद वकालत करने लगे। उन पर लोकमान्य तिलक का बहुत प्रभाव पड़ा। सन 1916 में वे 'होमरूल लीग' के सदस्य बन गए। कांग्रेस संगठन से भी उनका निकट का संबंध था। सन 1923 में वे 'महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी' के अध्यक्ष बने थे।[1]

कुरीतियों के विरोधी

स्वराज्य पार्टी के टिकट पर अन्ना साहब भोपटकर मुंबई लेजिस्टलेटिव असेंबली के सदस्य चुने गए थे। उन्होंने 'नमक सत्याग्रह' और 'भावनगर सत्याग्रह' में जेल की सजाएं भोगीं। वे अस्पृश्यता के और बाल विवाह के विरोधी तथा विधवा विवाह के समर्थक थे।

महाराष्ट्रीय मंडल की स्थापना

अन्ना साहब भोपटकर ने पुणे में ‘अनाथ हिंदू महिला आश्रम’ की स्थापना की थी। अन्ना साहब भोपटकर मानते थे कि हमारे युवकों के स्वास्थ्य में सुधार होना चाहिए। इसके लिए युवकों को प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से उन्होंने ‘महाराष्ट्रीय मंडल’ की स्थापना की थी। अंग्रेज़ों की शोषण नीति के वे कट्टर विरोधी थे।

लेखन कार्य

अन्ना साहब भोपटकर ने विभिन्न विषयों पर एक दर्जन से अधिक पुस्तकों की रचना की। बिपिन चन्द्र पाल और लाला लाजपत राय के भाषणों का मराठी भाषा में अनुवाद किया। उनकी कुछ पुस्तकें महिलाओं के बारे में हैं, कुछ विधि संबंधी और कुछ हिंदू समाज के बारे में। अपने जीवन के उत्तरार्ध में अन्ना साहब 'हिंदू महासभा' के समर्थक हो गए थे।

लिखित अथवा सम्पादित पुस्तकें

  1. स्वराज्याची मीमांसा
  2. हिंदू समाज दर्शन
  3. पुणे सार्वजनिक सभा ज्युबिली अंक (संपादन)
  4. ऐतिहासिक कथापंचक
  5. कुस्ती
  6. केसरी प्रबोध (संपादन)
  7. मृत्यूच्या मांडीवर
  8. नवरत्नांचा हार (ऐतिहासिक शब्दचित्र)

मृत्यु

सन 1960 में महाराष्ट्रीय मंडल’ की स्थापना का देहांत हो गया।


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शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारतीय चरित कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: शिक्षा भारती, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |पृष्ठ संख्या: 29-30 |

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