करतार सिंह दुग्गल: Difference between revisions

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करतार सिंह के साहित्य को जानने वाले लोग इन्हें एक माहिर फ़नकार के तौर पर याद करते हैं। दिल्ली पंजाबी साहित्य अकादमी के सचिव रवैल सिंह करतार सिंह दुग्गल को पंजाबी लेखकों में पहली पंक्ति का सिपाही मानते हैं। रवैल सिंह दुग्गल को [[गुरु ग्रंथ साहब]] के नए [[काव्य]] संस्करण के लिए भी याद करते हैं।
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=== पुरस्कार ===
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Revision as of 05:26, 1 March 2018

करतार सिंह दुग्गल
पूरा नाम करतार सिंह दुग्गल
अन्य नाम के. एस. दुग्गल
जन्म 1 मार्च, 1917
मृत्यु 26 जनवरी, 2012
मृत्यु स्थान दिल्ली
पति/पत्नी आयशा
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र लेखक
मुख्य रचनाएँ 'हाल मुरीदों का', 'उपर की मंजिल', 'इन्सानियत' आदि।
भाषा पंजाबी, हिंदी और उर्दू
विद्यालय फोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज
शिक्षा एम. ए
पुरस्कार-उपाधि पद्म भूषण (1988)
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी करतार सिंह दुग्गल ने सैकड़ों कहानियाँ और कविताएँ लिखीं तथा उनकी कहानियों के कुल 24 संग्रह प्रकाशित हुए। इसी तरह कविताओं के भी 2 संग्रह प्रकाशित हुए।
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची

करतार सिंह दुग्गल (अंग्रेज़ी: Kartar Singh Duggal; जन्म- 1 मार्च, 1917; मृत्यु- 26 जनवरी, 2012) पंजाबी, हिंदी और उर्दू भाषाओं में लिखने वाले प्रसिद्ध साहित्यकार थे जिन्होंने पंजाबी, उर्दू, हिन्दी और अंग्रेज़ी भाषा में लघु कथाएँ, उपन्यास, नाटकों की रचनाएँ की। इनकी रचनाओं का भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनुवाद भी हुआ है। करतार सिंह दुग्गल को सन 1988 में भारत सरकार द्वारा साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।[1]

परिचय

करतार सिंह दुग्गल का जन्म 1 मार्च, 1917 को रावलपिंडी (अब पाकिस्तान), अविभाजित पंजाब में हुआ था। उन्होंने लाहौर के फोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज से अंग्रेज़ी में एम.ए. किया था। उन्होंने 1942 से 1966 तक आकाशवाणी में केंद्र निदेशक समेत विभिन्न पदों पर काम किया तथा इस दौरान उन्होंने आकाशवाणी के लिये पंजाबी समेत दूसरी भाषाओं में कई नाटक और कहानियाँ लिखीं। इनकी पत्नी का नाम 'आयशा' है तथा इनका एक पुत्र भी है। 1966-73 में करतार सिंह दुग्गल नेशनल बुक ट्रस्ट के निदेशक पद पर थे और 1973 से 1976 तक सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में बतौर सलाहकार उन्होंने अपनी सेवाएं दीं।

रचनाएँ

करतार सिंह दुग्गल ने सैकड़ों कहानियाँ और कविताएँ लिखीं तथा उनकी कहानियों के कुल 24 संग्रह प्रकाशित हुये। इसी तरह कविताओं के भी 2 संग्रह प्रकाशित हुये। इसके अलावा उन्होंने 10 उपन्यास और 7 नाटक भी साहित्य संसार को सौंपे। इनकी कई कहानियों के भारतीय-विदेशी भाषाओं में अनुवाद हुए और सैकड़ों संग्रह प्रकाशित हुए। करतार सिंह के दो कविता संग्रह और एक आत्मकथा भी पाठकों तक पहुँची। उनकी पुस्तकें कई विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रम का हिस्सा बनीं।

लोकप्रिय रचनाएँ
  1. हाल मुरीदों का
  2. ऊपर की मंजिल
  3. इंसानियत
  4. मिट्टी मुसलमान की
  5. चील और चट्टान
  6. तुषार कण
  7. सरबत्त दा भला

माहिर फ़नकार

करतार सिंह के साहित्य को जानने वाले लोग इन्हें एक माहिर फ़नकार के तौर पर याद करते हैं। दिल्ली पंजाबी साहित्य अकादमी के सचिव रवैल सिंह करतार सिंह दुग्गल को पंजाबी लेखकों में पहली पंक्ति का सिपाही मानते हैं। रवैल सिंह दुग्गल को गुरु ग्रंथ साहब के नए काव्य संस्करण के लिए भी याद करते हैं।

पुरस्कार

करतार सिंह दुग्गल को सन 1988 में भारत सरकार द्वारा 'साहित्य एवं शिक्षा' के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। करतार सिंह साहित्य अकादमी सम्मान सहित कई सम्मानों से नवाजे गए उन्होंने उपन्यास, कहानियाँ, और नाटक लिख कर अपने लिए साहित्य की दुनिया में जगह बनाई।

विश्व पुस्तक मेले के आरम्भकर्ता

करतार सिंह दुग्गल जब नेशनल बुक ट्रस्ट के संचालक बने तब उन्होंने 'विश्व पुस्तक मेले' का आग़ाज़ किया जो आज तक जारी है। भारत का सबसे बड़ा पुस्तकालय आन्दोलन, राजा राममोहन रॉय फाउंडेशन, भी दुग्गल साहब के हाथों क़ायम हुआ।

निधन

करतार सिंह दुग्गल का निधन 26 जनवरी, 2012 को दिल्ली में हुआ था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. मशहूर पंजाबी लेखक के एस दुग्गल का निधन (हिंदी) बीबीसी हिंदी। अभिगमन तिथि: 10 मार्च, 2017।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

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