पोर्टो नोवो युद्ध
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
- पोर्टो नोवो की लड़ाई 1781 ई. में मैसूर के हैदरअली और सर आयरकूट के नेतृत्व में कम्पनी फ़ौजों के बीच की गई।
- 1781 में कोलेरून नदी के तट पर हुए युद्ध में हैदर अली के पुत्र टीपू सुल्तान ने 400 फ़्राँसीसी सैनिकों के सहयोग से 100 ब्रिटिश और 1,800 भारतीय सैनिकों को पराजित कर दिया।
- उसी वर्ष अप्रैल में जब अंग्रेज़ हैदर अली और टीपू सुल्तान को मैदान में स्थित उनके प्रमुख शस्त्रागार अरनी के क़िले से खदेड़ने का प्रयास कर रहे थे, तो पोर्टो नोवो में 1,200 फ़्राँसीसी सैनिक उतरे और कड्डालोर पर क़ब्ज़ा कर लिया।
- जॉर्ज मैकार्टने द्वारा मद्रास (वर्तमान चेन्नई) के गवर्नर का पद सम्भालने के बाद ब्रिटिश नौसेना ने नागपट्टिणम पर अधिकार कर लिया और हैदर अली को यक़ीन दिला दिया कि वह अंग्रेज़ों को नहीं रोक सकते।
- इसमें हैदरअली हार गया और उसे भारी क्षति उठानी पड़ी। फलस्वरूप उसकी शक्ति नियंत्रित कर दी गई।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पुस्तक 'भारतीय इतिहास कोश' पृष्ठ संख्या-249
संबंधित लेख
|
|
वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज