प्रांगण:मुखपृष्ठ/इतिहास: Difference between revisions

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*स्वाधीन भारत को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ा, वे सरल नहीं थीं। उसे सबसे पहले साम्प्रदायिक उन्माद को शान्त करना था। भारत ने जानबूझकर धर्म निरपेक्ष राज्य बनना पसंद किया। '''[[भारत का इतिहास|.... और पढ़ें]]'''
*स्वाधीन भारत को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ा, वे सरल नहीं थीं। उसे सबसे पहले साम्प्रदायिक उन्माद को शान्त करना था। भारत ने जानबूझकर धर्म निरपेक्ष राज्य बनना पसंद किया। '''[[भारत का इतिहास|.... और पढ़ें]]'''
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<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[अशोक|अशोक महान]]'''</div>
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[अशोक|अशोक महान]]'''</div>

Revision as of 11:50, 4 December 2010

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♦ यहाँ आप भारत के इतिहास से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
♦ भारतीय इतिहास जानने के स्त्रोत को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता हैं- साहित्यिक साक्ष्य, विदेशी यात्रियों का विवरण और पुरातत्व सम्बन्धी साक्ष्य।

इतिहास मुखपृष्ठ

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♦ भारत में मानव का सबसे पहला प्रमाण केरल से मिला है जो सत्तर हज़ार साल पुराना होने की संभावना है। जिसका आधार अफ़्रीक़ा के प्राचीन मानव से जैविक गुणसूत्रों (जीन्स) का मिलना है।
♦ यह काल वह है जब अफ़्रीक़ा से आदि मानव ने विश्व के अनेक हिस्सों में बसना प्रारम्भ किया जो पचास से सत्तर हज़ार साल पहले का माना जाता है।

विशेष आलेख

  • भारत का इतिहास प्रागैतिहासिक काल से आरम्भ होता है। 3000 ई. पूर्व तथा 1500 ई. पूर्व के बीच सिंधु घाटी में एक उन्नत सभ्यता वर्तमान थी, जिसके अवशेष मोहन जोदड़ो (मुअन-जो-दाड़ो) और हड़प्पा में मिले हैं।
  • प्राचीन भारतीयों ने कोई तिथि क्रमानुसार इतिहास नहीं सुरक्षित रखा है। सबसे प्राचीन सुनिश्चित तिथि जो हमें ज्ञात है, 326 ई. पू. है, जब मक़दूनिया के राजा सिकन्दर ने भारत पर आक्रमण किया।
  • अठारहवीं शताब्दी के शुरू में अंग्रेजों की ईस्ट इंडिया कम्पनी ने बम्बई (मुम्बई), मद्रास (चेन्नई) तथा कलकत्ता (कोलकाता) पर क़ब्ज़ा कर लिया।
  • ईस्ट इंडिया कम्पनी के शासन काल में भारत का प्रशासन एक के बाद एक बाईस गवर्नर-जनरलों के हाथों में रहा। इस काल के भारतीय इतिहास की सबसे उल्लेखनीय घटना यह है कि कम्पनी युद्ध तथा कूटनीति के द्वारा भारत में अपने साम्राज्य का विस्तार करती रही।
  • इस काल के भारतीय इतिहास की सबसे प्रमुख घटना है- भारत में राष्ट्रवादी भावना का उदय और 1947 ई. में भारत की स्वाधीनता के रूप में अंतिम विजय।
  • स्वाधीन भारत को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ा, वे सरल नहीं थीं। उसे सबसे पहले साम्प्रदायिक उन्माद को शान्त करना था। भारत ने जानबूझकर धर्म निरपेक्ष राज्य बनना पसंद किया। .... और पढ़ें
चयनित लेख

  • अशोक महान प्राचीन भारत में मौर्य राजवंश का राजा था। अशोक का 'देवनाम प्रिय' एवं 'प्रियदर्शी' आदि नामों से भी उल्लेख किया जाता है।
  • अशोक प्राचीन भारत के मौर्य सम्राट बिंदुसार का पुत्र था। जिसका जन्म लगभग 304 ई. पूर्व में माना जाता है।
  • सम्राट अशोक को अपने विस्तृत साम्राज्य के बेहतर कुशल प्रशासन तथा बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए जाना जाता है।
  • भारत के अन्दर अशोक एक विजेता रहा। उसने खस, नेपाल को विजित किया और तक्षशिला के विद्रोह का शान्त किया।
  • अशोक के शिलालेखों तथा स्तंभलेखों से अशोक के साम्राज्य की सीमा की ठीक जानकारी प्राप्त होती है।
  • अशोक ने बौद्ध धर्म ग्रहण किया, इस धर्म के उपदेशों को न केवल देश में वरन विदेशों में भी प्रचारित करने के लिए प्रभावशाली क़दम उठाए।
  • मौर्य राज्य सभा में सभी धर्मों के विद्वान भाग लेते थे, जैसे- ब्राह्मण, दार्शनिक, निग्रंथ, आजीवक, बौद्ध तथा यूनानी दार्शनिक।
  • संसार के इतिहास में अशोक इसलिए विख्यात है क्योंकि उसने निरन्तर मानव की नैतिक उन्नति के लिए प्रयास किया। .... और पढ़ें
चयनित लेख

  • पंजाब के अमृतसर में 'जलियाँवाला बाग़', एक ऐसी जगह है जो अधीन भारत में अंग्रेज़ी बर्बरता का सबसे बड़ा गवाह बनी।
  • जलियाँवाला बाग़ हत्याकांड आज भी ब्रिटिश शासन के जनरल डायर की कहानी कहता नज़र आता है, जब उसने सैकड़ों निर्दोष देशभक्तों को अंधाधुंध गोलीबारी कर मार डाला था।
  • यह घटना 13 अप्रैल, 1919 को हुई। वह रविवार का दिन था और आसपास के गांवों के अनेक किसान हिंदुओं तथा सिक्खों का उत्सव ‘बैसाखी’ बनाने अमृतसर आए थे।
  • सरकारी अनुमानों के अनुसार, लगभग 400 लोग मारे गए और 1200 के लगभग घायल हुए, जिन्हें कोई चिकित्सा सुविधा नहीं दी गई।
  • इस घटना के बाद महात्मा गांधी ने 1920-22 के असहयोग आंदोलन की शुरुआत की।
  • आज़ादी के बाद अमेरिकी डिज़ाइनर बेंजामिन पोक ने जलियाँवाला बाग़ स्मारक का डिज़ाइन तैयार किया, जिसका उद्घाटन 13 अप्रैल, 1961 को किया गया। .... और पढ़ें
कुछ चुने हुए लेख
इतिहास श्रेणी वृक्ष
चयनित चित्र

300px|बाज़ार पैमाना और वज़न मोहनजोदाड़ो|center


बाज़ार पैमाना और वज़न मोहनजोदाड़ो

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