प्रांगण:मुखपृष्ठ/जीवनी: Difference between revisions
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* महापुरुषों की जीवनियाँ हमें याद दिलाती हैं कि हम भी अपना जीवन महान बना सकते हैं और मरते समय अपने पदचिन्ह समय की बालू पर छोड़ सकते हैं। | * महापुरुषों की जीवनियाँ हमें याद दिलाती हैं कि हम भी अपना जीवन महान बना सकते हैं और मरते समय अपने पदचिन्ह समय की बालू पर छोड़ सकते हैं। | ||
* प्राचीन महापुरुषों के जीवन से अपरिचित रहना जीवन-भर निरंतर | * प्राचीन महापुरुषों के जीवन से अपरिचित रहना जीवन-भर निरंतर बाल्यावस्था में ही रहना है। | ||
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Revision as of 07:51, 21 June 2011
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