प्रांगण:मुखपृष्ठ/धर्म: Difference between revisions

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* यहाँ हम [[भारत]] के विभिन्न धर्मों से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। भारतीय [[संस्कृति]] की मूल विशेषता यह रही है कि व्यक्ति अपनी परिस्थितियों के अनुरूप मूल्यों की रक्षा करते हुए कोई भी मत, विचार अथवा धर्म अपना सकता है।
यहाँ आप भारत की पर्यटन संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।<br />
* यहाँ [[हिन्दू धर्म]] के अगणित रूपों और संप्रदायों के अतिरिक्त, [[बौद्ध धर्म|बौद्ध]], [[जैन धर्म|जैन]], [[सिक्ख धर्म|सिक्ख]], [[इस्लाम धर्म|इस्लाम]], [[ईसाई धर्म|ईसाई]], [[यहूदी धर्म|यहूदी]] आदि धर्मों की विविधता का भी एक सांस्कृतिक समायोजन देखने को मिलता है। आध्यात्मिकता हमारी संस्कृति का प्राणतत्त्व है। इनमें ऐहिक अथवा भौतिक सुखों की तुलना में आत्मिक अथवा पारलौकिक सुख के प्रति आग्रह देखा जा सकता है।
यहाँ आप भारत की पर्यटन संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।<br />
{{Headnote2|मुख्य आकर्षण- [[महाभारत सामान्य ज्ञान]] '''·''' [[रामायण सामान्य ज्ञान]] '''·''' [[:श्रेणी:धर्म कोश|धर्म कोश]]}}
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<div style=text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;><h2>पर्यटन मुखपृष्ठ</h2></div>
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♦ प्राचीन काल से ही भारत एक अत्यन्त ही विविधता सम्पन्न देश रहा है और यह विशेषता आज भी समय की घड़ी पर अंकित है।<br />
♦ प्राचीन काल से ही भारत एक अत्यन्त ही विविधता सम्पन्न देश रहा है और यह विशेषता आज भी समय की घड़ी पर अंकित है।
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| class="headbg6" style="border:1px solid #D0D09D;padding:10px;" valign="top" | <div class="headbg5" style="padding-left:8px;"><span style="color:#34341B;">'''विशेष आलेख'''</span></div>  
<div style="padding-left:8px; background:#ecd9c5; border:thin solid #b79876;">'''विशेष आलेख'''</div>
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<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[हिन्दू धर्म]]'''</div>
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[खजुराहो]]'''</div>
<div id="rollnone"> [[चित्र:Swt red.jpg|right|120px|स्वस्तिक|link=हिन्दू धर्म]] </div>
<div id="rollnone"> [[चित्र:Khajuraho-Temples.jpg|right|150px|खजुराहो मंदिर|link=खजुराहो]] </div>
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*दुनिया को [[भारत]] का '''खजुराहो के कलात्मक मंदिर''' एक अनमोल तोहफ़ा हैं। खजुराहो, भारतीय आर्य स्थापत्य और वास्तुकला की एक नायाब मिसाल है।
        '''[[हिन्दू धर्म]]''' [[भारत]] का सर्वप्रमुख धर्म है, जिसे इसकी प्राचीनता एवं विशालता के कारण 'सनातन धर्म' भी कहा जाता है। [[ईसाई धर्म|ईसाई]], [[इस्लाम धर्म|इस्लाम]], [[बौद्ध धर्म|बौद्ध]], [[जैन धर्म|जैन]] आदि धर्मों के समान हिन्दू धर्म किसी पैगम्बर या व्यक्ति विशेष द्वारा स्थापित धर्म नहीं है, बल्कि यह प्राचीन काल से चले आ रहे विभिन्न धर्मों, मतमतांतरों, आस्थाओं एवं विश्वासों का समुच्चय है। एक विकासशील धर्म होने के कारण विभिन्न कालों में इसमें नये-नये आयाम जुड़ते गये। वास्तव में हिन्दू धर्म इतने विशाल परिदृश्य वाला धर्म है कि उसमें आदिम ग्राम [[देवता|देवताओं]], भूत-पिशाची, स्थानीय देवी-देवताओं, झाड़-फूँक, तंत्र-मत्र से लेकर त्रिदेव एवं अन्य देवताओं तथा निराकार ब्रह्म और अत्यंत गूढ़ दर्शन तक, सभी बिना किसी अन्तर्विरोध के समाहित हैं और स्थान एवं व्यक्ति विशेष के अनुसार सभी की आराधना होती है। वास्तव में हिन्दू धर्म लघु एवं महान् परम्पराओं का उत्तम समन्वय दर्शाता है। एक ओर इसमें वैदिक तथा पुराणकालीन देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना होती है, तो दूसरी ओर कापलिक और अवधूतों द्वारा भी अत्यंत भयावह कर्मकांडीय आराधना की जाती है। '''[[हिन्दू धर्म|.... और पढ़ें]]'''
*खजुराहो को इसके अलंकृत मंदिरों की वजह से जाना जाता है जो कि देश के सर्वोत्कृष्ठ मध्यकालीन स्मारक हैं। चंदेल शासकों ने '''इन मंदिरों की तामीर सन 900 से 1130 ईसवी''' के बीच करवाई थी।
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*खजुराहो का प्राचीन नाम '''खर्जुरवाहक''' है। चंदेल राजाओं ने क़रीब 84 बेजोड़ व लाजवाब मंदिरों की तामीर करवाई थी लेकिन उनमें से अभी तक सिर्फ़ 22 मंदिरों की ही खोज हो पाई है।  
*इतिहास में इन मंदिरों का सबसे पहला जो उल्लेख मिलता है, वह अबू रिहान [[अल बरूनी]] (1022 ईसवी) तथा अरब मुसाफ़िर [[इब्न बतूता]] का है।
*यह क्षेत्र प्राचीन काल में वत्स के नाम से, मध्यकाल में [[जैजाक्भुक्ति]] नाम से तथा चौदहवीं सदी के बाद [[बुन्देलखन्ड]] के नाम से जाना गया।
*खजुराहो के मंदिर भारतीय स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना हैं। खजुराहो में ख़ूबसूरत मंदिरो में की गई कलाकारी इतनी सजीव है कि '''कई बार मूर्तियाँ ख़ुद बोलती हुई''' मालूम होती हैं।
*यहाँ की श्रृंगारिक मुद्राओं में अंकित मिथुन-मूर्तियों की कला पर सम्भवतः तांत्रिक प्रभाव है, किन्तु कला का जो निरावृत और अछूता सौदर्न्य इनके अंकन में निहित है, उसकी उपमा नहीं मिलती।
*खजुराहो, महोबा से 54 किलोमीटर दक्षिण में, छतरपुर से 45 किलोमीटर पूर्व और सतना ज़िले से 105 किलोमीटर पश्‍चिम में स्‍थित है तथा निकटतम रेलवे स्‍टेशनों अर्थात् महोबा, सतना और [[झाँसी]] से पक्‍की सड़कों से खजुराहो अच्‍छी तरह जुड़ा हुआ है। '''[[खजुराहो|.... और पढ़ें]]'''
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| class="headbg16" style="border:1px solid #B0B0FF; padding:10px;" valign="top" | <div class="headbg15" style="padding-left:8px;"><span style="color:#191406">'''चयनित लेख'''</span></div>  
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<div style="padding-left:8px; background:#f6e5d3; border:thin solid #c1a280;">'''चयनित लेख'''</div>
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[जैसलमेर]]'''</div>
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[गणेश]]'''</div>
<div id="rollnone"> [[चित्र:Jaisalmer-Fort.jpg|right|150px|जैसलमेर का क़िला|link=जैसलमेर का क़िला]] </div>
<div id="rollnone"> [[चित्र:Ganesa-Mathura-Museum-35.jpg|right|120px|गणेश, राजकीय संग्रहालय मथुरा|link=गणेश]] </div>
*अनुपम वस्तुशिल्प, मधुर लोक सगींत, विपुल सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विरासत को अपने मे संजोये हुये जैसलमेर '''स्वर्ण नगरी''' के रुप मे विख्यात है।
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*जैसलमेर, पश्चिमोत्तर भारत के [[राजस्थान]] राज्य में स्थित है। इसकी पश्चिम-उत्तरी सीमा [[पाकिस्तान]] के साथ लगती है तथा उत्तर-पूर्व में [[बीकानेर]], दक्षिण में बाड़मेर तथा पूर्व में इसकी सीमा [[जोधपुर]] से मिलती है। 
        '''[[गणेश]]''' [[भारत]] के अति प्राचीन देवता हैं। [[ऋग्वेद]] में गणपति शब्द आया है। [[यजुर्वेद]] में भी इनका उल्लेख है। पुराणों में गणेश के संबंध में अनेक आख्यान वर्णित है। एक के अनुसार [[शनि देव|शनि]] की दृष्टि पड़ने से शिशु गणेश का सिर जल कर भस्म हो गया। इस पर दुःखी [[पार्वती]] से [[ब्रह्मा]] ने कहा- जिसका सिर सर्वप्रथम मिले उसे गणेश के सिर पर लगा दो। पहला सिर [[हाथी]] के बच्चे का ही मिला। इस प्रकार गणेश ‘गजानन’ बन गए। धार्मिक मान्यतानुसार [[हिन्दू धर्म]] में गणेश जी सर्वोपरि स्थान रखते हैं। सभी [[देवता|देवताओं]] में इनकी पूजा-अर्चना सर्वप्रथम की जाती है। [[भाद्रपद]] [[शुक्ल पक्ष|शुक्ल]] [[चतुर्थी]] को मध्याह्न के समय गणेश जी का जन्म हुआ था। ये भगवान [[शिव]] और [[पार्वती देवी|पार्वती]] के दूसरे पुत्र हैं। भगवान गणेश का स्वरूप अत्यन्त ही मनोहर एवं मंगलदायक है। वे एकदन्त और चतुर्बाहु हैं। अपने चारों हाथों में वे क्रमश: पाश, अंकुश, मोदकपात्र तथा वरमुद्रा धारण करते हैं। वे रक्तवर्ण, लम्बोदर, शूर्पकर्ण तथा पीतवस्त्रधारी हैं।  '''[[गणेश|.... और पढ़ें]]'''
*पीले भूरे पत्थरों से निर्मित भवनों के लिए विख्यात '''जैसलमेर की स्थापना 1156 में''' राजपूतों के सरदार [[रावल जैसल]] ने की थी।
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*[[भारत]] में अंग्रेज़ी राज्य की स्थापना से लेकर समाप्ति तक भी इस राज्य ने अपने वंश गौरव व महत्व को यथावत रखा।
*जैसलमेर, राजस्थान में [[पर्यटन]] का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है। जैसलमेर शहर के निकट एक पहाड़ी पर बने हुए दुर्ग में राजमहल, कई प्राचीन जैन मंदिर और ज्ञान भंडार नामक एक पुस्तकालय है, जिसमें प्राचीन [[संस्कृत]] तथा '''प्राकृत पांडुलिपियाँ''' रखी हुई हैं।
*जैसलमेर के प्रमुख ऐतिहासिक स्मारकों में सर्वप्रमुख यहाँ का [[जैसलमेर क़िला|क़िला]] है। यह '''स्थापत्य का सुंदर नमूना''' है। इसमें बारह सौ घर हैं।
*जैसलमेर शहर ऊन, चमड़ा, नमक, मुलतानी मिट्टी, ऊँट और भेड़ का व्यापार करने वाले कारवां का प्रमुख केंद्र है।
*जैसलमेर राज्य का संपूर्ण भाग '''रेतीला व पथरीला''' होने के कारण यहाँ का तापमान मई-जून में अधिकतम 48<sup>०</sup> सेंटीग्रेड तथा दिसम्बर-जनवरी में न्यूनतम 4<sup>०</sup> सेंटीग्रेड रहता है '''[[जैसलमेर|.... और पढ़ें]]'''
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<div class="headbg15" style="padding-left:8px;"><span style="color:#191406">'''कुछ चुने हुए लेख'''</span></div>
<div style="padding-left:8px; background:#f6e5d3; border:thin solid #c1a280;">'''कुछ लेख'''</div>
* [[हिन्दू धर्म]]
* [[हिन्दू धर्म]]
* [[इस्लाम धर्म]]
* [[इस्लाम धर्म]]
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* [[रामायण]]
* [[रामायण]]
* [[महाभारत]]
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* [[वेद]]
<div class="headbg15" style="padding-left:8px;"><span style="color:#191406">'''पर्यटन श्रेणी वृक्ष'''</span></div>
* [[गीता]]
* [[उपनिषद]]
* [[ब्राह्मण साहित्य|ब्राह्मण ग्रन्थ]]
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<div style="padding-left:8px; background:#ecd9c5; border:thin solid #b79876;">'''धर्म श्रेणी वृक्ष'''</div>
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==संबंधित लेख==
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[[Category:प्रांगण]]

Latest revision as of 07:55, 12 May 2021

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  • यहाँ हम भारत के विभिन्न धर्मों से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। भारतीय संस्कृति की मूल विशेषता यह रही है कि व्यक्ति अपनी परिस्थितियों के अनुरूप मूल्यों की रक्षा करते हुए कोई भी मत, विचार अथवा धर्म अपना सकता है।
  • यहाँ हिन्दू धर्म के अगणित रूपों और संप्रदायों के अतिरिक्त, बौद्ध, जैन, सिक्ख, इस्लाम, ईसाई, यहूदी आदि धर्मों की विविधता का भी एक सांस्कृतिक समायोजन देखने को मिलता है। आध्यात्मिकता हमारी संस्कृति का प्राणतत्त्व है। इनमें ऐहिक अथवा भौतिक सुखों की तुलना में आत्मिक अथवा पारलौकिक सुख के प्रति आग्रह देखा जा सकता है।
  1. REDIRECTसाँचा:विशेष2
  • भारतकोश पर लेखों की संख्या प्रतिदिन बढ़ती रहती है जो आप देख रहे वह "प्रारम्भ मात्र" ही है...
विशेष आलेख

        हिन्दू धर्म भारत का सर्वप्रमुख धर्म है, जिसे इसकी प्राचीनता एवं विशालता के कारण 'सनातन धर्म' भी कहा जाता है। ईसाई, इस्लाम, बौद्ध, जैन आदि धर्मों के समान हिन्दू धर्म किसी पैगम्बर या व्यक्ति विशेष द्वारा स्थापित धर्म नहीं है, बल्कि यह प्राचीन काल से चले आ रहे विभिन्न धर्मों, मतमतांतरों, आस्थाओं एवं विश्वासों का समुच्चय है। एक विकासशील धर्म होने के कारण विभिन्न कालों में इसमें नये-नये आयाम जुड़ते गये। वास्तव में हिन्दू धर्म इतने विशाल परिदृश्य वाला धर्म है कि उसमें आदिम ग्राम देवताओं, भूत-पिशाची, स्थानीय देवी-देवताओं, झाड़-फूँक, तंत्र-मत्र से लेकर त्रिदेव एवं अन्य देवताओं तथा निराकार ब्रह्म और अत्यंत गूढ़ दर्शन तक, सभी बिना किसी अन्तर्विरोध के समाहित हैं और स्थान एवं व्यक्ति विशेष के अनुसार सभी की आराधना होती है। वास्तव में हिन्दू धर्म लघु एवं महान् परम्पराओं का उत्तम समन्वय दर्शाता है। एक ओर इसमें वैदिक तथा पुराणकालीन देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना होती है, तो दूसरी ओर कापलिक और अवधूतों द्वारा भी अत्यंत भयावह कर्मकांडीय आराधना की जाती है। .... और पढ़ें

चयनित लेख

        गणेश भारत के अति प्राचीन देवता हैं। ऋग्वेद में गणपति शब्द आया है। यजुर्वेद में भी इनका उल्लेख है। पुराणों में गणेश के संबंध में अनेक आख्यान वर्णित है। एक के अनुसार शनि की दृष्टि पड़ने से शिशु गणेश का सिर जल कर भस्म हो गया। इस पर दुःखी पार्वती से ब्रह्मा ने कहा- जिसका सिर सर्वप्रथम मिले उसे गणेश के सिर पर लगा दो। पहला सिर हाथी के बच्चे का ही मिला। इस प्रकार गणेश ‘गजानन’ बन गए। धार्मिक मान्यतानुसार हिन्दू धर्म में गणेश जी सर्वोपरि स्थान रखते हैं। सभी देवताओं में इनकी पूजा-अर्चना सर्वप्रथम की जाती है। भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को मध्याह्न के समय गणेश जी का जन्म हुआ था। ये भगवान शिव और पार्वती के दूसरे पुत्र हैं। भगवान गणेश का स्वरूप अत्यन्त ही मनोहर एवं मंगलदायक है। वे एकदन्त और चतुर्बाहु हैं। अपने चारों हाथों में वे क्रमश: पाश, अंकुश, मोदकपात्र तथा वरमुद्रा धारण करते हैं। वे रक्तवर्ण, लम्बोदर, शूर्पकर्ण तथा पीतवस्त्रधारी हैं। .... और पढ़ें

कुछ लेख
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250px|राधाकुण्ड, गोवर्धन|center


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